युद्धभूमि हल्दीघाटी में हार्दिक स्वागत

मेवाड़ के अमर तीर्थ रक्ततलाई हल्दीघाटी में आपका स्वागत अभिनंदन।

देशभर से आने वाले पर्यटकों हेतु मुख्य रणभूमि रक्ततलाई ख़मनोर,शाहीबाग,महाराणा प्रताप स्मारक व चेतक समाधि,बलीचा तक फैले हल्दीघाटी युद्धक्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक आप इन स्थलों का अवलोकन कर सकते है। मुख्य युद्धस्थल रक्ततलाई से स्मारक तक सभी जगह निःशुल्क प्रवेश यदि कोई लपकागिरी करते दिखे तो एएसआई को सूचित किया जा सकता है। अधिकांश पर्यटक आज भी भ्रमित होकर जाने अनजाने निजी दुकानदारी के कारण मूल शहीद स्थलों को देखने से वंचित रह जाते है
हल्दीघाटी में सरकारी चेतक गेस्ट हाउस के बंद होने व राजकीय संग्रहालय नहीं होने का लाभ उठाते हुए पूर्व के एक सरकारी ठेकेदार द्वारा राष्ट्रीय स्मारक के नजदीक ही संग्रहालय नामक हाटबाजार लगा विकास की मूल योजनाओं को वर्षों से प्रभावित किया जाना सरकारी तंत्र पर भी सवालिया निशान लगा सकता है। भगवान राम के वंशज महाराणा प्रताप के नाम पर अधिकांश सिर्फ पेट पाला जा रहा है! हल्दीघाटी के विकास का सपना आज भी अधूरा है। मूल हल्दीघाटी के विकास में यह निजी दुकानदारी सबसे बड़ा रोड़ा बन कर आज प्रत्यक्ष स्मारक के सामने खड़ी है।
देशभर से आने वाले सभी पर्यटकों से निवेदन रहेगा कि स्वयं शहीद स्थलों पर जाकर माटी से तिलक कर स्वयं को गौरवांवित महसूस करे।

Haldighati Tourist Guide

‘थर्मोपल्ली ऑफ़ मेवाड़’ के नाम से विश्व विख्यात हल्दीघाटी का नाम सुनते ही महाराणा प्रताप द्वारा मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षार्थ लड़े गये ऐतिहासिक जनयुद्ध का स्मरण आ जाता है। हल्दीघाटी का युद्ध तंग पहाड़ी दर्रे से खमनोर के मैदान में बनास नदी तक लड़ा गया था। आज उसका कुछ स्वरुप ही संरक्षित रह पाया है । खमनोर से बलीचा गांव तक छः किलोमीटर में फैला रणक्षेत्र हल्दीघाटी के नाम से जाना पहचाना जाता है। यहाँ सरकारी स्तर पर बनने वाला संग्रहालय भ्रष्टाचार के चलते आज तक बन नहीं सका। महाराणा प्रताप एवं चेतक से जुडी शस्त्र सामग्री उदयपुर सिटी पैलेस संग्रहालय में सुरक्षित है।

हमारा प्रयास है कि इतिहास प्रेमी मूल स्थलों को देख शहीदों को नमन कर सके।

हल्दीघाटी के मुख्य दर्शनीय स्थल –

युद्धभूमि रक्त तलाई, खमनोर – हल्दीघाटी का मूल रणक्षेत्र है जहाँ आज भी शहीदों की स्मृति में छतरियां एवं स्मारक मौजूद है।
https://youtu.be/o6h23OccJ8w




* मुुुग़ल पडाव बादशाही बाग़ , खमनोर – हल्दीघाटी
https://youtu.be/BTckHI2uOQk
* हल्दीघाटी का मूल दर्रा – खमनोर – हल्दीघाटी

* प्रताप गुफा – बलीचा
* चेतक समाधी,बलीचा
* महाराणा प्रताप राष्ट्रीय स्मारक,बलीचा